hindisamay head


अ+ अ-

कविता

अभिव्यक्ति

ए. अरविंदाक्षन


पहाड़ों के किन्हीं छेदों से
जब जल का स्रोत फूट पड़ता है
पहाड़ ही अभिव्यक्त होता है
फिर पहाड़ के असंख्य आलिंगनों से
उसके अनियंत्रित चुंबनों से
जल का स्रोत तब तक
युवती का रूप धारण कर लेता है
और
जल-युवती स्वयं अभिव्यक्त होती है

 


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में ए. अरविंदाक्षन की रचनाएँ