gajanan madhav muktibodh,Muktibodh गजानन माधव  मुक्तिबोध, मुक्तिबोध
गजानन माधव मुक्तिबोध

 

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कहानी
अँधेरे में
काठ का सपना
क्लॉड ईथर्ली
जंक्शन
प्रश्न
पक्षी और दीमक
ब्रह्मराक्षस का शिष्य
विपात्र
सौन्‍दर्य के उपासक
लेखन

जन्म

:

13 नवंबर 1917, श्योपुर, ग्वालियर (मध्य प्रदेश)

भाषा : हिंदी
विधाएँ : कविता, कहानी, उपन्यास, निबंध, आलोचना, इतिहास
प्रमुख कृतियाँ : कविता संग्रह : चाँद का मुँह टेढ़ा है, भूरी भूरी खाक धूल
कहानी संग्रह : काठ का सपना, विपात्र, सतह से उठता आदमी
आलोचना : कामायनी : एक पुनर्विचार, नई कविता का आत्मसंघर्ष, नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र, समीक्षा की समस्याएँ, एक साहित्यिक की डायरी
इतिहास : भारत : इतिहास और संस्कृति
रचनावली : मुक्तिबोध रचनावली (सात खंडों में)

निधन

:

11 सितंबर 1964, दिल्ली

विशेष : मुक्तिबोध हिंदी के अतिविशिष्ट रचनाकार हैं। उन्हें उम्र जरूर कम मिली, पर कविता, कहानी और आलोचना में उन्होंने युग बदल देनेवाला काम किया। पहली बार वह व्यवस्थित रूप में ‘अज्ञेय’ द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ में अपनी कविताओं के साथ उपस्थित हुए। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था कि उनके जीवनकाल में उनकी कविता की कोई किताब नहीं प्रकाशित हो पाई। उनके जीवित रहते उनकी सिर्फ एक किताब छपी, यह थी ‘एक साहित्यिक की डायरी।’ इसके बावजूद बाद में वे ऐसे विलक्षण रचनाकार साबित हुए जिनके लिखे की गूँज परवर्ती कविता, विचार, आलोचना या कहानी सबमें बढ़ती ही चली गई।