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इक़बाल
तराना-ए-हिन्‍द

सारे जहां से अच्‍छा हिन्‍दोस्‍तां हमारा।

हम बुलबुलें हैं इसकी ये गुलिस्‍तां[1] हमारा।।

गुरबत[2] में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में।

समझो वहीं हमें भी दिल हो जहां हमारा।।

परबत वो सबसे ऊँचा हमसाया आस्‍मां का।

      वो संतरी हमारा, वो पासबां[3] हमारा।।

गोदी में खेलती हैं इसकी हज़ारों नदियां।

      गुलशन[4] है जिनके दम से रश्‍के-जना[5] हमारा।।

ऐ आबे-रौदे-गंगा[6] ! वो दिन हैं याद तुमको।

      उतरा तेरे किनारे जब कारवां हमारा।।

मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।

      हिन्‍दी हैं हम, वतन है हिन्‍दोस्‍तां हमारा।।

यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रोमा सब मिट गए जहां से।

      अब तक मगर है बाक़ी नामों-निशां हमारा।।

कुछ बात है कि हस्‍ती मिटती नहीं हमारी।

      सदियों रहा है दुश्‍मन दौरे-ज़मां[7] हमारा।।

'इकबाल’! कोई महरम[8] अपना नहीं जहां[9] में।

      मालूम क्‍या किसी को दर्दे-‍निहां[10] हमारा।।

 


[1]  बाग़
[2]  विदेश
[3]  रक्षक (चौकीदार)
[4]  बाग़
[5]  स्‍वर्ग के लिए ईर्ष्‍या का कारण 
[6]  गंगा नदी
[7]  संसार चक्र
[8] भेदी
[9] संसार
[10] आन्‍तरिक पीड़ा

 

नया शिवाला

 

सच कह दूं ऐ बिरहमन ! गर तू बुरा न माने

            तेरे सनमकदों[11] के बुत हो गए पुराने

अपनों से बैर रखना तूने बुतों से सीखा

            जंगो-जदल[12] सिखाया वाइज़[13] को भी खुदा ने

तंग आके मैंने आखिर दैरो-हरम को[14] छोड़ा

            वाइज़ का वाज़ छोड़ा, छोड़े तेरे फ़साने[15]

                  पत्‍थर की मूरतों में समझा है तू खुदा है

                  ख़ाके-वतन का मुझको हर ज़र्रा देवता है

 

आ ग़ैरियत[16] के पर्दे इक बार फिर उठा दें

            बिछड़ों को फिर मिला दें, नक़्शे-दुई[17] मिटा दें

सूनी पड़ी हुई है मुद्दत से दिल की बस्‍ती

            आ इक नया शिवाला इस देस में बना दें

दुनिया से तीरथों से ऊँचा हो अपना तीरथ

            दामाने-आस्‍मां[18] से इसका कलश मिला दें

हर सुबह उठके गायें मंतर[19] वो मीठे-मीठे।

            सारे पु‍जारियों को मय[20] पीत की पिला दें।।

                  शक्ति भी शान्ति भी भक्ति के गीत में है।

                  धरती के बासियों की मुक्ति परीत[21] में है।।


[11] बुतख़ाना (मन्दिर)
[12] युद्ध
[13] इस्‍लामी उपदेशक
[14] मन्दिर तथा काबे की चारदीवारी को
[15] क‍हानियां
[16] वैर-भाव
[17] दुई के चिह्न
[18] आकाश का दामन (आकाश)
[19] मन्‍त्र
[20] मदिरा
[21] प्रीत

इक़बाल -2
 

 

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