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कविता

सुबह

स्नेहमयी चौधरी


सुबह हुई - घर का हेल्पर उठा
घर के, बाहर के सारे ताले खोल डाले
आगे-पीछे के ।


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हिंदी समय में स्नेहमयी चौधरी की रचनाएँ