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लेख

धरती पर मँडराता खतरा

डॉ. भारत खुशालानी


सौंप सूर्य मंडल के पत्थर होते हैं जो ज्यादातर मंगल और बृहस्पति ग्रहों के बीच में पाए जाते हैं। वैसे तो ये सूर्य के चारों तरफ घूमते रहते हैं, लेकिन इनमें से कई पृथ्वी के गृहपथ के भीतर आ जाते हैं। पृथ्वी की परिक्रमा कक्ष के अंदर आने से इनके पृथ्वी से टकराने का खतरा बन जाता है। हमारी धरती की कई प्रजातियों का अंत करने में इनका हाथ रहा है। सैकड़ों वर्गफल किलोमीटर के क्षेत्र में फैले जंगलों की संपूर्ण रूप से तबाही में भी इनका हाथ रहा है। उल्का पिंड इनके छोटे छोटे अंश होते हैं। ज्यादातर ये उल्का पिंड जब धरती के पर्यावरण में तेजी से प्रवेश करते हैं जो जल कर राख हो जाते हैं। लेकिन जो उल्का पिंड नष्ट नहीं होते हैं, वे घरों पर या रास्तों पर गिरकर तबाही मचा देते हैं।

इसीलिए इन सौंप और उनके उल्का पिंडों पर कड़ी निगरानी रखना जरूरी है। प्रकृति के इस तीव्र आवेग को रोकने का फिलहाल पूरे विश्व के पास कोई कृत्रिम तरीका नहीं है। अमेरिका की अंतरिक्ष संस्था नासा ने एक योजना बनाई है जिससे खतरा बने हुए सौंप को परमाणु अस्त्रों से उड़ाकर ध्वस्त किया जा सके। इस योजना का प्रशिक्षण करने के लिए उन्होंने बेन्नु नामक सौंप को चुना है जिसके सन 2054 में धरती के करीब आने की आशंका है। लेकिन इस योजना को कहाँ तक मान्यता मिलती है, यह अभी तय नहीं है क्योंकि परमाणु अस्त्रों के प्रयोग का विरोध करने वाले इस परियोजना पर आपत्ति उठा सकते हैं। वे वैज्ञानिक भी इसके पक्ष में नहीं होंगे जिनका यह मानना है की परमाणु विस्फोट से सौंपों की परिक्रमा पर कोई असर नहीं पड़ेगा, उल्टा उस विस्फोट से पैदा हुए उल्का पिंड धरती के लिए घातक सिद्ध हो सकते हैं।

एक और योजना के तहत धरती के करीब आकर खतरा पैदा करने वाले सौंपों की परिक्रमा उनको विमार्ग करके बदली जा सकती है। सौंप की परिक्रमा को विमार्ग करने के लिए उसकी सतह पर तीव्र गति से प्रक्षेपास्त्र छोड़ना होगा ताकि न्यूटन के तीसरे सिद्धांत के मुताबिक सौंप पर इतना असर हो की उसके आवर्तन और परिक्रमण में बदलाव आए जिससे उसकी परिक्रमा बदले। लेकिन इस योजना का भी न केवल प्रयोगात्मक परीक्षण नहीं हुआ है, बल्कि इसके कंप्यूटर प्रतिरूप भी आरंभिक चरण में हैं। कंप्यूटर प्रतिरूप को स्थायी तरीके से विकसित करने के लियर सौंप की न केवल बाहरी और सतही जानकारी की आवश्यकता पड़ती है, बल्कि उसके अंदर किस प्रकार से कौन कौन से खनिज व्याप्त हैं इसकी भी जानकारी लगती है। वैज्ञानिकों के पास ऐसी जानकारी धरती के बाद सिर्फ चंद्रमा की ही प्राप्त है। सौंप के भीतर का अनुमान लगाने से कंप्यूटर प्रतिरूप में काफी अनिश्चितता आ जाती है। चूँकि ऐसी योजनाओं का खर्च खरबों डॉलर में होता है, इसीलिए ऐसी अनिश्चितताओं को दूर करना पहले आवश्यक है।


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