hindisamay head


अ+ अ-

कविता

प्रकाश के रंग

त्रिलोचन


प्रकाशों की धारा दिवस रजनी नित्य बहती
सभी की आँखों में अदिख छवि लाई मचल के
सधे आवर्तों में घिर कर कई प्राण बहके
इन्हीं में रंगों की लहर उमड़ी व्योम-सरि सी।

 


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में त्रिलोचन की रचनाएँ