| 
 अ+ अ-
     
         
         
         
         
        
         
        
         
            
         | 
        
        
        
      | 
            
      
          
 
 
          
      
 
	
		
			| 
					शहर के कौवों में जो एक कम हो गया हैवह कौवा यही है
 फुटपाथ पर सोए लोगों की बगल में
 थककर सोया हुआ-सा
 
 लेकिन कौवे फुटपाथ पर नहीं सोते
 थके हुए कौवे भी नहीं
 फिर कौवे कहाँ सोते हैं
 कौवे थकते भी हैं या नहीं?
 
 शहर यह सब नहीं जानता
 
 शहर ने कौवों को नहीं देखा
 सुबह-सुबह चिड़ियों को चुग्गा देने वाले बूढ़ों ने
 शायद देखा हो
 लेकिन शहर उनकी काँव-काँव सुनना
 पहले ही बंद कर चुका है
 सुबह-सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों ने
 शायद उन्हें देखा हो
 पर शहर उनकी बातों को बच्चों की बातें मानता है
 
 लेकिन यह कौवा शहर के बीचोंबीच आ गिरा है
 अपनी सख्त चोंच से किसी अदृश्य रोटी को पकड़ना चाहता हुआ
 इस शहर में दरअसल एक ही कौवा है
 फुटपाथ पर जिससे बचते हुए लोग
 आ जा रहे हैं
 सर झुकाए
 
 कल के सूर्योदय को लाने वाले कौवों में
 एक कौवा कम हो गया है।
 |  
	       
 |