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					(1) 
					तोते का जुठाया अमरूद दो मुझेजिसके भीतर की लामिला फूटती हो बाहर
 गिलहरी के दाँतों के दागवाला जामुन दो काला
 अंधकार के रस से भरा हुआ
 पक कर अपने ही उल्लास से फटता
 एक फल दो शरीफे का
 और रस के तेज वेग से जिस ईख के
 फटे हों पोर
 वह ईख दो मुझे
 और खूब चौड़े थन वाली गाय का दूध
 जिसके चलने भर से
 छीमियों से झरता हो दूध
 
 मुझे छप्पन व्यंजन नहीं
 बस एक फल दो
 सूर्य का लाल फल
 अंधकार का काला फल
 जिसे बस एक बार काटूँ
 और अमर हो जाऊँ
 वही अमरफल !
 
					(2)
 
					सबसे अच्छे फल थे वेजो ऋतु में आए
 जब पौधा था
 पूरे उठान पर
 
 लेकिन सबसे अंतिम फल ही
 जो पड़े डाल पर ज्वाए
 टेढ़े बाँगुर
 अगली ऋतु के लिए सहेजे हमने
 वही अमरफल!
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