ग़ज़ल की शान में लिखना ग़ज़ल सुभान अल्लाह
गुले शिगुफ़्ता[1] को दो दस्ते-ए-गुल दिया करना
ख़याले-नाज़ को करना ख़याल में मुहकम[2]
सरापा दल पे सरो-पाये दिल फ़िदा करना
शराबे-नाब को देना शराब के शीशे
लबे-लहू[3] को लहू-ए-जिगर अदा करना
[1] खिला फूल
[2] स्थिरतर
[3] लहू जैसे लाल होंट