शेष जीवन जी सकूँ सुख से तुम्हारी याद काफी है!
कभी कम हो नहीं एहसास जीवन में तुम्हारा यह बिछोह-विषाद काफी है!
तुम्हारी भावनाओं की धरोहर को सहेजा आज-तक मन में, अमरता के लिए केवल उन्हीं का सरस गीतों में सहज अनुवाद काफी है!