कहीं कभी सितारे अपने आपकी
	आवाज पा लेते हैं और
	आसपास उन्हें गुजरते छू लेते हैं...
	कहीं कभी रात घुल जाती है
	और मेरे जिगर के लाल-लाल
	गहरे रंग को छू लेते हैं,
	हालाँकि यह सब फालतू लगता है
	यह भागदौड़ और यह सब
	सब कुछ रूखा-सूखा है
	लेकिन एक बच्चे की किलकारी की तरह
	यह सब मधुर है
	लेकिन कहीं कभी एक शांत स्मृति में
	हम अपने सपनों का
	इंतजार कर रहे हैं