और जबकि ख़त्म करते ही यह कविता
					यह मान लिया जाएगा कि आपको दी जा चुकी थी चेतावनी
					मेरा अनुरोध है कि आप छोड़ दें
					घटनाओं को नज़रअंदाज करना।
					कल ही अभी जब नाती के साथ मिलकर
					आप पानी दे रहे थे घास में,
					चौदह वर्ष के बाद नाती के जीवन में घटित
					प्रेम की पटकथा लिख गई थी हरे घास
					और पानी की भाषा में।
					सड़क पार करते हुए किसी शाम
					जूते के नीचे आकर बहुत थोड़ा चरमराई थी जो पन्नी
					उसी के कारण ठिठक जाएगा कोई चीखता वाहन
					आपको कुचलने और न कुचलने के असमंजस में।
					अत्प्रत्याशित नहीं है आयु के इस खंड में आया प्रेम
					शायद आप भूल चुके हैं वह दोपहर
					जब आपके हाथ से छूट गई थी
					नीले स्याही की खुली दवात ज़मीन पर।
					अच्छी नहीं मानी जा रही यह आदत
					ताल देने की पथरीली रेलिंग पर उँगलियों से -
					इसी से गुमसुम रहने लगा है प्यारा तोता आपका।
					कुछ सोचते हुए अनायास, जो बजा देते हैं आप सीटी -
					बढ़ती जा रही आपके ऑफिस में उमस आजकल।
					और बेकार होगी कोशिश कि आप याद करें कोई पुरानी घटना -
					ढूँढ़ते हुए अभी-अभी की घटना का पूर्वरंग।
					और कितनी चेतावनी दी जा सकती है किसी को लिखकर
					कि लिखते हुए ये थोड़े से शब्द
					हम रच रहे हों - ठीक छब्बीस माह, चार दिन,
					तेइस घंटे और चौदह मिनट बाद
					जो पढ़ा जाएगा शोक प्रस्ताव।