hindisamay head


अ+ अ-

कविता

शिकायत नहीं

स्नेहमयी चौधरी


मेरे बच्चे को मुझ से कोई शिकायत नहीं।
मैंने रात में सोते समय कभी
नानी की कहानियाँ नहीं सुनाई,
खाने-पीने में उसकी रुचि नहीं पूछी,
साथ बैठकर, उसके दोस्तों के साथ होने वाले
लड़ाई-झगड़े नहीं सुलझाए।

मैंने उसके
खेलने और भटकने पर कभी बंधन नहीं लगाया,
क्योंकि कामों की भीड़ निपटाने के लिए
मुझे समय चाहिए था।
मैं व्यस्त थी।

धीरे-धीरे
उसकी आदत बन गई -
कामिक्स, टी.वी. और रेडियो में
अपने को व्यस्त रखने की
अब मैं उसके लिए अनावश्यक हो गई हूँ।
मुझे इस बात की शिकायत है।


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में स्नेहमयी चौधरी की रचनाएँ