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लघुकथाएँ

माँ का राजकुमार

पद्मजा शर्मा


जब मैं अपने बालों में तेल मलती हूँ, मेरा छह साल का बेटा अपना सिर आगे कर देता है। कभी-कभी अपने पाँव भी। मैं समझ जाती हूँ वह तेल लगवाना चाहता है। एक दिन उसकी बहन ने कहा, 'तुम रोज-रोज ये सिर और पाँव माँ के आगे कर देते हो, कहीं के राजकुमार हो क्या?'

वह हँसा और मेरे आगे सिर झुकाते हुए मासूमियत से बोला, 'अपनी माँ का राजकुमार तो हूँ ही।'


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