मेरे न होने पर लाल स्याही से लगाया अनुपस्थित फिर, कोशिश करते होंगे
अतीत को मिटाने की पता है, जमींदोज अतीतों की खुदाई में भी मिल जाती है कभी एक चूड़ी, एक चावल या चित्रलिपि।
हिंदी समय में विनीता परमार की रचनाएँ