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कविता

नसीहत पेड़ों को

स्कंद शुक्ल


उगाने होंगे पैर अपने
सीखना ही होगा चलना
नहीं तो नियति में
कटने से बुरी बात यह होगी
कि आदमी उन्हीं की लाश को तराश कर
बनाएगा कुल्हाड़ी अगले अपाहिज पेड़ के लिए।


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