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कविता

ध्वनि की गति

अंकिता आनंद


पिता की दहाड़ में
माँ की सफाई को
जिन बेटों ने डूबते देखा है
उनमें से कुछ
अब इतना ऊँचा बोलते हैं
कि ख़ुद को सुन नहीं पाते हैं,
और कुछ
आज भी सुन सकते हैं
अपनी माँओं को,
सुनना सीख गए हैं
अपनी प्रेमिकाओं को।

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ध्वनि तरंगों की गति
वायु से ज़्यादा तीव्र
द्रव्य में पाई गई है।


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