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कविता

धोखा

अंकिता आनंद


शुरुआत से ही ... आज तक भी
मैं कृपया पीली लाईन के पीछे और
लाल रेखा के भीतर रहने वाली रही हूँ।
ईस्टमैन कलर वाले झिलमिल घेरे मुझे अंदर बुलाएँ
ऐसी बुरी लड़की नहीं बन सकी।

पीली लाईन और लाल रेखा के अंदर रहते हुए
मैं रंगोलियाँ बनाने से मना कर
कमर पर हाथ डाले, पाँव फैलाए, ठुड्डी निकाले
खड़ी रहती हूँ
इसलिए अच्छी लड़की नहीं मानी जा सकती।

आहत आवाज़ों को कई बार मुझे धोखा बुलाते सुना है।


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