एकपत्नीव्रत की प्रेरणा राम को अपने पिता से मिली होगी
न तीन रानियाँ होतीं न सपत्नी-डाह से पैदा हुआ स्त्री-हठ न वनवास न पिता का वह असमय चले जाना
हिंदी समय में पंकज चतुर्वेदी की रचनाएँ