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कविता

मुसीबत में

पंकज चतुर्वेदी


अचानक आई बीमारी
दुर्घटना
या ऐसे ही किसी हादसे में
हताहत हुए लोगों को देखने
उनसे मिलने
उनके घर जाओ
या अस्पताल

उन्हें ख़ून दो
और पैसा अगर दे सको
नहीं तो ज़रूरत पड़ने पर क़र्ज़ ही
उनके इलाज में मदद करो
जितनी और जैसी भी
मुमकिन हो या माँगी जाय

तुम भी जब कभी
हालात से मजबूर होकर
दुखों से गुज़रोगे
तब तुम्हारा साथ देने
जो आगे आएँगे
वे वही नहीं होंगे
जिनकी तीमारदारी में
तुम हाज़िर रहे थे

वे दूसरे ही लोग होंगे
मगर वे भी शायद
इसीलिए आएँगे
कि उनके ही जैसे लोगों की
मुसीबत में मदद करने
तुम गए थे


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