जाते हुए उसने कहा कि आते हैं
तभी मुझे दिखा सुबह के आसमान में हँसिये के आकार का चंद्रमा
जैसे वह जाते हुए कह रहा हो कि आते हैं
हिंदी समय में पंकज चतुर्वेदी की रचनाएँ