hindisamay head


अ+ अ-

कविता

बच्चा हँस रहा है

नरेंद्र जैन


एक

बच्चा हँस रहा है
ठीक इसी वक्त
अमरीका ने किया है
समुद्र के गर्भ में परमाणु परीक्षण
ठीक इसी वक्त
फरमा रहे हैं जिया उल हक
मैं खुदा की मर्जी से
गद्दी पर बैठा हूँ
ठीक इसी वक्त
इंदिराजी ने बयान दिया है
विदेशी खतरा देश के सिर
मँडरा रहा है
ठीक इसी वक्त
आम आदमी के मूलाधिकार
स्थगित किए जाते हैं
बच्चा हँस रहा है

दो

बच्चा हँस रहा है
देखी नहीं दुनिया उसने अभी
माँ बाप आँगन
दुनिया उसकी
माँ बाप आँगन से परे
कैसी दुनिया
बच्चा चुप है

तीन

बच्चा
हँस रहा है
क्योंकि
सभ्यता
खामोश
है

चार

बच्चा हँस रहा है
इस वक्त देखा जाए
तो
सिर्फ
हँसा ही जा सकता है

पाँच

बच्चा हँस रहा है
तानाशाह
मुँह छिपाए
भागा जा रहा है

छह

बच्चा
हँस रहा है
लो
एक बार
फिर बची
यह दुनिया
मरघट में
बदलने
से


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में नरेंद्र जैन की रचनाएँ



अनुवाद