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कविता

क्या होगा ?

नमन जोशी


क्या होगा?

जब साँसें चलने से मना कर दे,

और हृदय अडिग रहे चलने की जिद पकड़ कर,

क्या तब,

द्वंद्व देखने को मिलेगा??

हृदय और साँस के बीच,

या हृदय साँस को बाँहों में भरकर,

उसे मनाने के लिए एक संगीत बजाएगा?

एक ऐसा संगीत,

जिसे सुन, अनुभव कर

साँस तड़पने लगे,

और मजबूर हो जाए,

हृदय की प्रेयसी बनने को।

क्या तब,

रोमांस देखने को मिलेगा,

प्रीतम और प्रेयसी के बीच,

या नटखट चंचल साँस,

जकड़ बना लेगी हृदय में,

एक ऐसी जकड़,

जो गाँठों से जकड़ी हो,

और रुकने पर मजबूर कर दे,

हृदय के चलने की अडिगता को...

क्या होगा?

जब साँसें चलने से मना कर दें,

और हृदय अडिग रहे चलने की जिद पकड़ कर...


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