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कविता

लोरी

प्रदीप त्रिपाठी


मेरी माँ

लोरी गाती थी

लोरी गाना

सिर्फ़

माँ को ही आता था।


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हिंदी समय में प्रदीप त्रिपाठी की रचनाएँ