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नाटक

जीवन का उपहार

डॉ. भारत खुशालानी


जीवन का उपहार

(सेजल का अपार्टमेंट। वह अकेली बैठी है और आतुरता से अपने डॉक्टर के कॉल का इंतज़ार कर रही है। पर्दा उठते ही दर्शक देखते हैं कि सेजल यहाँ से वहाँ घूम रही है।)

सेजल : डॉक्टर साहब का कॉल आने वाले है। मेरे टेस्ट रिजल्ट बताएंगे।

(अचानक उसका मोबाइल फ़ोन बजता है। सेजल अपने फ़ोन की ओर देखती है।)

सेजल : (खुद से ही बात करते हुए) सब सही है... सब सही है...

(कांपते हाथों से सेजल फ़ोन उठाती है।)

सेजल : हेल्लो डॉ. राहुल!

(दूसरी ओर से डॉ. राहुल की आवाज आती है।)

डॉ. राहुल : (नम्रता से) हेल्लो सेजल।

सेजल : (उद्वेग से) डॉ. राहुल, कृपया मुझे मेरे टेस्ट रिजल्ट के बारे में बताइये। मुझसे और सस्पेंस बर्दाश्त नहीं होता।

डॉ. राहुल : (रूककर) मुझे खेद है सेजल कि खबर अच्छी नहीं है। मैं तुम्हें थोडा दुखद समाचार देने जा रहा हूँ। तुम्हारी किडनी की तबियत तेज़ी से बिगडती जा रही है। हमको अंग प्रत्यारोपण के विषय में सोचना पडेगा।

(सेजल की आँखें भर आती हैं। वह जोर से अपना मोबाइल फ़ोन अपनी मुठ्ठी में जकड लेती है।)

सेजल : (कांपती आवाज से) प्रत्यारोपण? इसका मतलब?

डॉ. राहुल : (करुणामय स्वर में) तुम्हारी किडनियों ने जवाब दे दिया है। अब हमको एक उचित डोनर ढूंढना है ... किडनी ट्रांसप्लांट के लिए ... जो तुम्हारा जीवन बचा सके।

(सेजल अपने सोफे पर धम्म से बैठ जाती है, जैसे उसे गहरा सदमा पहुंचा हो।)

सेजल : (धीरे से) नहीं .. यह सब कैसे हो गया?

डॉ. राहुल : यह थोड़ी कठिन परिस्थिति है सेजल। लेकिन मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ कि तुम्हारी मदद के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे ताकि तुम इस कठिन दौर से गुजर सको। संभावित डोनर और प्रत्यारोपण की पूरी प्रोसेस की हम विस्तार से चर्चा करेंगे.. जब तुम तैयार हो जाओ।

(सेजल अपने आंसूं रोकने का प्रयास करती है।)

सेजल : (गला भर आता है) मुझे विशवास नहीं हो रहा है कि मेरे साथ ऐसा हो रहा है। मेरी नौकरी, मेरे काम-काज का क्या होगा? मेरी ज़िंदगी का क्या होगा?

डॉ. राहुल : इस वक़्त यह सब कुछ बहुत कठिन महसोस हो सकता है, लेकिन मैं और मेरा स्टाफ, सभी तुम्हारे सपोर्ट में हैं। एक-एक कदम आगे बढ़ाएंगे।

(सेजल गहरी सांस लेती है, अपने आप को व्यवस्थित करने की चेष्टा करती है।)

सेजल : इसका अगला कदम क्या हो सकता है डॉक्टर साहब?

डॉ. राहुल : (हिचकिचाते हुए) सेजल, इस वक़्त तो मुझे यह नहीं कहना चाहिए, लेकिन मैं तुम्हें अँधेरे में नहीं रखना चाहता हूँ।

सेजल : (और चिंतित होते हुए) वह क्या डॉक्टर साहब?

डॉ. राहुल : (संकोच से) मैं तुम्हारा पारिवारिक डॉक्टर हूँ। तुम्हारे मम्मी-पापा को भी पिछले जाने कितने वर्षों से देख रहा हूँ। तो ...

सेजल : (जल्दी से) तो क्या डॉक्टर साहब?

डॉ. राहुल : (और संकोच से) तो... मैंने तुम्हारे मम्मी-पापा की डोनर मैचिंग यह जानने के लिए कि प्रत्यारोपण के लिए क्या उनमें से कोई सही मैच हो सकता है। परन्तु...

सेजल : (दुखी स्वर में) मम्मी-पापा नहीं हैं, है ना?

डॉ. राहुल : हाँ, दोनों में से कोई डोनर नहीं बन सकता है। दोनों में से कोई भी... यदि चाहे तो भी... अपनी एक किडनी तुम्हें नहीं दे सकता है।

सेजल : ठीक है। मुझे समय पर बताने के लिए धन्यवाद।

डॉ. राहुल : अपने मित्रों और परिवार की सहायता लो सेजल। तुम अकेली नहीं हो।

(सेजल फ़ोन रख देती है और अपना मूंह अपने हाथों में छिपा लेती है। भाव विह्वल हो जाती है। धीरे-धीरे दुखभरे समाचार की खबर को आत्मसात करने का प्रयास करती है। कमरे में सन्नाटा छा जाता है।)

(जगन अपार्टमेंट में प्रवेश करता है और सेजल को सोफे पर बैठा हुआ पाता है। सेजल स्पष्ट रूप से व्याकुल है। जगन को लगता है कि कुछ गड़बड़ है।)

जगन : सेजल?

(सेजल मूंह उठाकर देखती है।)

सेजल : भैया...

जगन : अरे क्या हुआ? तू इतनी परेशान क्यों दिख रही है?

(सेजल की आँखें लाल हो चुकी हैं। वह अपने चेहरे को सामान्य बनाने की कोशिश करती है।)

सेजल : (जबरदस्ती मुस्कुराने की कोशिश करते हुए) जगन भैय्या... अभी अभी डॉ. राहुल का कॉल आया था।

जगन : (चिंतित स्वर में) क्या कहा उन्होंने?

(सेजल को बताने में संकोच होता है। जैसे संघर्ष कर रही हो।)

सेजल : (टूटती आवाज से) मेरी किडनियां, भैय्या। वे काम से जा चुकी हैं। मुझे किडनी प्रत्यारोपण की जरूरत है।

(जगन का चेहरा पीला पड़ जाता है। वह सेजल के बगल में आकर बैठ जाता है।)

जगन : (हैरान होकर) क्या? कैसे... यह सब कैसे हो गया?

सेजल : (ग़मगीन आँखों से) मुझे नहीं पता भैय्या। सब कुछ ... सब कुछ बिखरता-सा महसूस हो रहा है।

(जगन अपनी बहन को गले लगा लेता है। सांत्वना देने का प्रयास करता है।)

जगन : हम मिलकर इस मुसीबत को पार कर लेंगे। हम एक परिवार हैं सेजल। कोई न कोई रास्ता निकल कर आ जाएगा, ठीक है?

सेजल : डॉक्टर का कहना है कि हमें ट्रांसप्लांट के लिए डोनर ढूँढने की आवश्यकता है। कोई ऐसा जिसकी किडनी मेरी किडनी से मेल खाती हो।

जगन : (सोचते हुए) कोई ऐसा जिसकी किडनी मैच होती हो ... मम्मी और पापा? उनकी तो मैच हो सकती है? मैं उनसे बात करके देखता हूँ।

सेजल : ('ना' में सिर हिलाते हुए) डॉक्टर राहुल ने पहले ही चेक कर लिया है। मम्मी और पापा, दोनों में से कोई भी मैच नहीं है।

(जगन स्थिति की गंभीरता पर विचार करते हुए परेशान हो जाता है।)

जगन : (हौले से) और मैं? क्या मैं डोनेट कर सकता हूँ अपनी एक किडनी?

सेजल : (कृतज्ञता से जगन की तरफ देखते हुए) भैय्या, तुम अपनी एक किडनी देने के लिए तैयार हो?

जगन : (हामी भरते हुए) क्यों नहीं, सेजल? आखिरकार तुम मेरी सगी बहन हो। तुम चिंता मत करो। हम इस पूरी प्रक्रिया को कार्यान्वित करेंगे। बस हमें इस पूरी प्रक्रिया में आगे आने वाली चुनौतियों का एहसास करना होगा।

(प्रक्रिया की अनिश्चितता जे बावजूद, दोनों में एकता की भावना भर जाती है।)

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(स्टेज पर बत्तियां बंद हो जाती हैं। जब बत्तियां वापिस आती हैं, तो अस्पताल का वेटिंग रूम है। जगन उत्सुकता से आगे-पीछे चल रहा है और हर कुछ सेकंड में अपनी घड़ी देख रहा है।)

जगन : (पास खडी एक नर्स से) नर्स, मेरा नाम जगन है। मुझे अपनी बहन के लिए किडनी डोनर बनना है। मेरे टेस्ट रिजल्ट कब आयेंगे?

नर्स : आप चिंता मत कीजिये। यहाँ वेट कीजिये। जल्द ही डॉ. राहुल आपके टेस्ट रिजल्ट लेकर आने वाले हैं। उससे पता चल जाएगा कि क्या आप अपनी बहन को किडनी दे सकते हैं या नहीं।

नर्स : (दूसरी ओर नज़र दौडाते हुए)वो देखो! आ गए डॉ. राहुल!

(डॉ. राहुल का मंच पर प्रवेश।)

डॉ. राहुल : (जगन के नज़दीक आते हुए) जगन, समय पर आने का शुक्रिया। बैठो।

(जगन बैठ जाता है, उसके हाथ काँप रहे हैं।)

जगन : (थोड़ी घबराहट से) इस प्रक्रिया को हम किस तरह से अंजाम देंगे?मैं सेजल के लिए डोनर मैच तो हूँ ना? आखिरकार मैं उसका सगा भाई हूँ।

डॉ. राहुल : (शान्ति से) सगा भाई होने से ऐसा जरूरी नहीं हो जाता है जगन कि तुम ऑटोमेटिकली अपनी सगी बहन के लिए डोनर मैच हो जाओ। तुम्हारे मम्मी-पापा भी मैच साबित नहीं हुए।

जगन : (परेशानी से) तो फिर?

डॉ. राहुल : तुम्हारी अनुकूलता निर्धारित करने के लिए मैं कई परीक्षण करवाए हैं।उनके नतीजे भी आ गए हैं और उन नतीजों पर चर्चा करने के लिए ही मैंने तुम्हें यहाँ बुलाया है।

(जगन के चेहरे पर चिंता साफ़ झलक रही है।)

जगन : (बडबडाते हुए) मैं जरूर मैच हूँ... हे भगवान, मुझे सेजल के लिए अपनी किडनी डोनेट करने दे।

डॉ. राहुल : (टेस्ट रिजल्ट देखते हुए) जगन, मुझे मालूम है कि तुम्हारी बहन सेजल के लिए यह कितना जरूरी है। लेकिन दुर्भाग्यवश, टेस्ट रिजल्ट से पता चलता है कि किडनी प्रत्यारोपण के लिए तुम उचित मैच नहीं हो।

(जगन का मूंह लटक जाता है। वह अपनी कुर्सी पर वापिस गिर जाता है। उसके चेहरे पर निराशा और हताशा के भाव आ जाते हैं।)

जगन : (हताशा से) क्या मतलब है आपका? कुछ तो है जो हम कर सकते हैं।

डॉ. राहुल : मैं समझ सकता हूं कि तुम्हारे लिए यह कितनी निराशाजनक बात हो सकती है, लेकिन हमारे पास और भी कई अन्य विकल्प हैं। हम संभावित डोनरों का पता लगाना जारी रखेंगे।दो कार्यक्रम हैं जिनपर हम विचार कर सकते हैं।

जगन : वे कौन-से डॉक्टर साहब?

डॉ. राहुल : एक है "युग्मित किडनी विनिमय" और दूसरा है "मृत दाता प्रत्यारोपण"। ये दोनों ऐसे कार्यक्रम हैं जिनपर हम नज़र दाल सकते हैं।

जगन : (आशा की किरण नज़र आते हुए) ये कौन-से कार्यक्रम हैं डॉक्टर साहब?

डॉ. राहुल : "युग्मित किडनी विनिमय" में दोनों किडनियों का एक साथ प्रत्यारोपण होता है। और "मृत दाता प्रत्यारोपण" में कोई ऐसा डोनर होता है जिसकी अभी-अभी म्रत्यु हुई हो।

(जगन अपने सर पर हाथ फेरता है, जैसे स्थिति की वास्तविकता को स्वीकार करने के लिए संघर्ष कर रहा हो।)

जगन : (निराशा से) फिर अब क्या? अब हम सिर्फ किसी चमत्कार का इंतज़ार करें?

डॉ. राहुल : (ढाढस बंधाते हुए) हिम्मत मत हारो। हम उचित डोनर की खोज जारी रखेंगे। मुझे मालूम है कि तुम लोगों के लिए यह कितना कठिन समय है। लेकिन हमारे पास एक समर्पित टीम है जो हमारे साथ मिलकर काम करती है। तुम दोनों और तुम्हारे मम्मी-पापा के समर्थन के लिए ही हम लोग यहाँ हैं।

(जगन सिर हिलाता है, उसकी भावनाएँ और तीव्र हो जाती हैं। उसे आश्वस्त करने के लिए डॉ. राहुल उसके कंधे पर हाथ रखता है।)

डॉ. राहुल : यह वक़्त मज़बूत बने रहने का है। अपनी बहन का भी साथ बनाए रखो। मुझे कहीं से कुछ भी पता लगता है तो मैं तुरंत तुमको सूचित करूंगा।

(जगन ऊपर आँख उठाकर डॉक्टर की तरफ देखता है।अपनी बहन के लिए आगे के अनिश्चित रास्ते पर विचार करते हुए उसकी आँखें उदासी से भर जाती हैं। वह मंच से बाहर चला जाता है।)

डॉ. राहुल : (नर्स से) नर्स मीरा,मेरे ऑफिस से मेरा मोबाइल लेकर आओ।

नर्स : जी डॉक्टर।

(कुछ ही पलों में नर्स मेडिकल फाइलें और पेपरवर्क, तथा डॉ. राहुल का मोबाइल लेकर हाजिर हो जाती है। वे दोनों सेजल के लिए संभावित किडनी दाताओं को खोजने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।)

पास ही रिसेप्शन की डेस्क पर कंप्यूटर रखा हुआ है। दोनों उसके सामने बैठ जाते हैं।

डॉ. राहुल : (रिसेप्शन पर रखे कंप्यूटर की स्क्रीन की ओर देखते हुए) नर्स, हमें अपना दायरा विस्तारित करना होगा।संभावित किडनी दाताओं की सूची प्राप्त करने के लिए अधिकारियों से संपर्क करते हैं।

नर्स मीरा : जी डॉक्टर। मैं अभी फ़ोन लगाती हूँ।

(स्टेज के एक कोने में जाकर नर्स मीरा फ़ोन लगाती है, कुछ देर किसी से बात करती है, फिर फ़ोन रखकर वापिस डॉ. राहुल के पास आती है।)

नर्स मीरा : मैंने संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया है, और वे हमें संभावित किडनी दाताओं की एक सूची प्रदान करने के लिए सहमत हुए हैं। यह सूची शीघ्र ही हमारे ईमेल के इनबॉक्स में आ जानी चाहिए।

डॉ. राहुल : (दृढ़ निश्चय से) अच्छा है। एक बार जब हमारे पास सूची आ जाएगी, तो हम उसका ध्यानपूर्वक अध्ययन करेंगे। इसे सेजल की किडनी की आवश्यकताओं के अनुसार क्रॉस-रेफ़रेंस करना होगा।

नर्स : (ईमेल देखते हुए) सर सूची आ गई।

डॉ. राहुल : (स्क्रीन की ओर इशारा कर) नर्स, कॉल करना शुरू करो। हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या इनमें से किसी संभावित दानकर्ता का किडनी दान करने के इच्छुक किसी व्यक्ति से कोई संबंध है या नहीं?

(नर्स मीरा, सूची में से पहला नंबर मिलाकर डॉक्टर को मोबाइल पर लगाकर देती है। रिंग जा रही है। डॉ. राहुल उत्तर का इंतज़ार करते हैं। दूसरी छोर से कोई महिला फ़ोन उठाती है।)

महिला : (फ़ोन पर, दूसरी छोर से) हेल्लो?

डॉ. राहुल : नमस्कार कोयल जी। मेरा नाम डॉ. राहुल है। मैं पुर्खेनाथ अस्पताल से बोल रहा हूँ। ऐसा लगता है कि आप किडनी दान करने के लिए उपयुक्त हैं। कुछ टेस्ट करने पड़ेंगे।

कोयल : (आश्चर्य से) सही में? मैं ऐसे किसी फ़ोन कॉल की अपेक्षा नहीं कर रही थी।

डॉ. राहुल : मुझे पता है कि यह आकस्मिक है, लेकिन हम सेजल नामक पेशेंट की ओर से कॉल कर रहे हैं। वह एक ऐसी पेशेंट है जिसे किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता है।

(डॉ. राहुल को दूसरी छोर से झिझक महसूस होती है।)

डॉ. राहुल : यदि आप अभी किडनी दान देने में असमर्थ हैं या किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो इसमें रुचि रखता हो, तो कृपया हमें बताएं।

कोयल : (सोचते हुए) मुझे इस बारे में सोचना पडेगा डॉक्टर साहब। लेकिन मैं जरूर अपने जान-पहचान वालों से और परिवार के अन्य सदस्यों से पूछूंगी। कुछ कहा नहीं जा सकता है कि कब कौन हामी भर दे।

डॉ. राहुल : जी, धन्यवाद।

(डॉ. राहुल फ़ोन रख देते हैं, और कोयल की प्रतिक्रिया अपने नोटबुक में नोट कर लेते हैं।)

(इस बीच, नर्स मीरा कंप्यूटर स्क्रीन से देखकर एक और नंबर मोबाइल फ़ोन पर डायल करती है।)

डॉ. राहुल : (फ़ोन पर) मिस्टर पटेल?

मिस्टर पटेल : (दूसरी छोर पर) जी कहिये?

डॉ. राहुल : मैं डॉ. राहुल,पुर्खेनाथ अस्पताल से। आप किडनी डोनेशन के लिए संभावित मैच हैं। आप अतिरिक्त टेस्टिंग के लिए हमारे अस्पताल आना चाहेंगे?

मिस्टर पटेल : किडनी डोनेशन? देखिये, अब तो मेरा ऐसा विचार नहीं रहा।

डॉ. राहुल : अगर आप असमर्थ हैं तो आपके नेटवर्क में ऐसा कोई है जो किडनी दान करना चाहेगा?

मिस्टर पटेल : (हिचकिचाकर) मुझे कुछ समय चाहिए सोचने के लिए। मुझे परिवारवालों से बात करने दीजिये, फिर मैं कालबैक करता हूँ।

डॉ. राहुल : धन्यवाद।

(डॉ. राहुल फ़ोन रख देते हैं।)

डॉ. राहुल : नर्स, मिस्टर पटेल का रिस्पांस नोटबुक में नोट कर लो।

नर्स : जी सर।

(नर्स मीरा, नोटबुक में नोट कर लेती है।)

डॉ. राहुल : देखो, कोई और संभावित कैंडिडेट है क्या?

(नर्स मीरा कंप्यूटर स्क्रीन देखकर एक और नंबर लगाती है। दूसरी ओर से कोई फ़ोन उठाता है।)

डॉ. राहुल : मिस्सेस टंडन? मैं डॉ. राहुल बोल रहा हूँ, पुर्खेनाथ अस्पताल से। आप किडनी डोनेट करने के इच्छुक हैं?

मिस्सेस टंडन : (चिंतित स्वर में) मुझे ऐसे किसी फ़ोन कॉल की उम्मीद नहीं थी।

डॉ. राहुल : हम एक पेशेंट, सेजल, की ओर से कॉल कर रहे हैं। अगर आप अभी डोनेट नहीं करना चाहती हैं, तो किसी और से पूछ सकती हैं, जो किडनी डोनेट करने के लिए तैयार हो?

मिस्सेस टंडन : (सहानुभूति से) खेद के साथ यह कहना पड़ रहा है डॉक्टर साहब कि इस वक़्त तो मैं किडनी डोनेट नहीं कर सकती हूँ। परन्तु मैं यह जानकारी सभी के साथ साझा करूंगी और देखूँगी कि कोई मदद के लिए तैयार होता है क्या।

(डॉ. राहुल आभार प्रकट करते हैं और फ़ोन रख देते हैं। कुछ पलों के लिए मौन रहता है, नर्स नोट्स देख रही है, और डॉ. राहुल कुछ सोच रहे हैं।)

डॉ. राहुल : (सोचते हुए) बेहद निराशाजनक है, है ना? हमें संभावित डोनरों से अनिच्छा का सामना करना पड़ रहा है।

नर्स मीरा : (सिर हिलाते हुए) जी, डॉक्टर।मुझे आश्चर्य हो रहा है कि लोग अंग दान के लिए आगे आने से क्यों झिझकते हैं,खासकर जब यह व्यक्ति का जीवन बचा सकता है।

डॉ. राहुल : (चिंतन करते हुए) इसके कई कारण हो सकते हैं। सर्जरी का डर, अपने स्वास्थ्य के बारे में चिंताएं, या शायद अपना एक हिस्सा किसी और को देने के निर्णय का बोझ।

नर्स : (सहानुभूतिपूर्ण) उनके लिए यह एक बड़ा सवाल है, डॉक्टर। और हर कोई अंग दान करने के विचार से सहज नहीं है, भले ही यह किसी अच्छे उद्देश्य के लिए हो।

डॉ. राहुल : (सहमति से) सच है। हमें याद रखना चाहिए कि अंग दान एक अत्यंत व्यक्तिगत पसंद है। यह न केवल शारीरिक बल्कि भावनात्मक बलिदान भी है।

नर्स : हो सकता है कि कुछ लोगों को इस पर विचार करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता हो, या हो सकता है कि वे पूरी तरह से समझ नहीं पा रहे हैं कि किसी के जीवन पर वे कितना बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं।

डॉ. राहुल : इस पूरी प्रक्रिया में हम भावनाओं से डील कर रहे हैं, नर्स मीरा। यह सिर्फ एक चिकित्सीय निर्णय नहीं है; यह एक ऐसा निर्णय है जिसमें सहानुभूति, करुणा और जरूरतमंदों की मदद करने की इच्छा है।

नर्स : मुझे लगता है कि हमें इस संदेश को बेहतर ढंग से पहुंचाने का एक तरीका खोजने की जरूरत है। लोगों को यह समझाने के लिए कि उनके निर्णय का किसी के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।

डॉ. राहुल : हाँ बिल्कुल। शिक्षा और सहानुभूति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमें अधिक जानकारी प्रदान करने, चिंताओं को दूर करने और संभावित दाताओं के लिए एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देने पर काम करना चाहिए।

नर्स : चलिए, कोशिश करते रहें, डॉक्टर।सेजल और अन्य जरूरतमंदों के लिए। शायद, सही दृष्टिकोण के साथ, हम अधिक लोगों को अंग दान के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।

डॉ. राहुल : मैं तुम्हारी बात से पूरी तरह से सहमत हूँ, नर्स मीरा। हम हार नहीं मानेंगे। प्रत्येक कॉल, सेजल के लिए उपयुक्त मैच खोजने की दिशा में एक कदम है और, शायद, अंग दान पर किसी के दृष्टिकोण को बदल रहा है।

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(स्टेज पर बत्तियां बंद होती हैं। जब बत्तियां वापिस आती हैं, तो सेजल का घर है। सेजल अपने घर के सोफे पर बैठी हुई है। वह स्पष्ट रूप से परेशान है। अचानक स्टेज पर एक महिला का प्रवेश। सेजल की हमउम्र है।)

सेजल : (हैरान होकर) अरे, एकता, तू?

एकता : (हंसमुख होकर) सेजल, देख मैं तेरे लिए क्या लाई हूँ।

(फिर वह सेजल का रुआंसा चेहरा देखती है।)

एकता : अरे, ये क्या? तू तो रो रही है! क्या हुआ? तू ठीक तो है?

सेजल : बैठ, एकता।

(एकता,सेजल के पास बैठ जाती है, उसके चेहरे पर चिंता स्पष्ट है।)

एकता : लग रहा है कि तू बहुत रोई है। क्या बात है?

सेजल : (आह भरकर) जीवन में सब कुछ हमेशा अच्छा नहीं चलता है।

एकता : सेजल, किंडरगार्टन से लेकर हम दोनों बेस्ट फ्रेंड हैं। तुम मुझे इस प्रकार बेवकूफ नहीं बना सकती। सही बता क्या बात है?

सेजल : तेरे को याद है जब तुम्हारा पुराना घर था, जिसमें बड़ा आँगन था, वहाँ हम झाड़ों के आसपास कैसे दौड़ते थे?

एकता : बिलकुल। मुझे तो उस घर की याद आज भी आती है। ये मॉडर्न फ्लैट में शहरों में रहना ... उससे तो हज़ार गुना ज्यादा बेहतर थे हमारे अपने पुश्तैनी घर।

सेजल : कैसे हम झाड़ों पर चढ़ जाते थे!

एकता : कैसे भूल सकती हूँ मैं! किसी भी छिपने के लिए बेहतरीन जगह थी वह!

सेजल : (पुरानी यादों में खोते हुए) और तेरी माँ के हाथ के पराठे! कितने प्रेम से बनाकर हमेशा खिलाए मुझे!

एकता : कैसे भूलेंगे वे दिन! तब से अब तक हमारी दोस्ती बरकरार है, यह भी कोई कम बात है?

सेजल : वाकई हम भाग्यशाली हैं। वरना दोस्ती टूटने के लिए सिर्फ एक शब्द की जरूरत होती है।

एकता : बिलकुल सही कहा तूने।

सेजल : तब हम दोनों को ही यह विशवास था कि हम जो चाहे बन सकते हैं।

एकता : बिलकुल, फैशन डिज़ाइनर, रॉक स्टार, सिंगर, चाहे कुछ ... हमारे सपनों की कोई सीमा नहीं थी।

सेजल : फिर धीरे-धीरे जीवन की हकीकत सामने आ गई।

एकता : लेकिन सब कठिनाइयों के बावजूद हमने एक दुसरे का साथ नहीं छोड़ा।

सेजल : जब मेरा पहला जॉब छूट गया था, तब तूने ही मुझे याद दिलाया कि असफलताएँ हमें परिभाषित नहीं करतीं। उनसे हमें लड़ना होता है, हारना नहीं। इसी हिमात से मुझे दूसरी जॉब मिली थी।

एकता : और जब मेरे माता-पिता का तलाक हुआ था, तब तू ही थी जिसने रातभर जागकर मेरा साथ दिया था।

सेजल : अच्छे और बुरे दोनों दौरों से साथ मिलकर गुजरे हैं हम।

एकता : तेरे बिना मैं भी पता नहीं कहाँ होती। इसीलिए अब तू मुझे फ़ौरन बता कि तेरे साथ क्या घटित हो रहा है? क्यों इतना रो रही है तू? क्यों इतनी परेशान है? चल, अब सब कुछ जल्दी-जल्दी बता।

सेजल : (आँखों में आसूं आते हुए) मुझे हमारे फॅमिली डॉक्टर से खबर मिली है। मेरी सेहत को लेकर है।

एकता : क्या तू बीमार है?

सेजल : मेरी किडनियां ... दोनों ने जवाब दे दिया है। मुझे ट्रांसप्लांट की जरूरत है।

(एकता यह सुनकर हैरान हो जाती है।)

एकता : हे भगवान! सेजल! तूने मुझे पहले क्यों नहीं बताया?!

सेजल : मैं तेरे ऊपर बोझ नहीं डालना चाहती थी।

एकता : बोझ की क्या बात है? तेरी समस्या में हम एक साथ हैं, जैसे हमेशा से रहे हैं।

(सेजल कोई जवाब नहीं देती है।)

एकता : (गंभीरता से) तू अकेले इसका सामना नहीं कर रही है। हम साथ मिलकर इसका समाधान ढूंढेंगे, जैसा कि हम हमेशा करते हैं। हम मिलकर इस चुनौती का सामना करेंगे।

सेजल : (सोफे से उठते हुए) मैं तेरे लिए चाय बनाकर लाती हूँ।

(सेजल अन्दर किचन में चली जाती है। एकता सोच में पड़ जाती है।वह अपनी सहेली की स्थिति की गंभीरता को महसूस करते हुए, सेजल के साथ हुई बातचीत को मन में दोहराती है।)

एकता : (धीरे से) गुर्दे की विफलता!सेजलपहले से ही बहुत कुछ सह चुकी है, और अब यह इतना बड़ा बोझ तूने उसके ऊपर डाल दिया ईश्वर! मैं यूं ही खडीरहकर उसे पीड़ित होते हुए नहीं देख सकती।

(वह एक गहरी सांस लेती है और उनके बीच साझा बंधन पर विचार करना शुरू कर देती है।)

एकता : हम हर चीज़ से एक साथ गुज़रे हैं - उतार-चढ़ाव, हँसी और आँसू। सेजल सिर्फ एक दोस्त नहीं है; वह मेरा अपना परिवार है।

(एकता अनगिनत बार याद करती है जब सेजल मुश्किल क्षणों में उसके साथ खड़ी रही थी।)

एकता : जब भी मेरी अपनी नौकरी में किसी के भी साथ तकरार होती है, सेजल हमेशा मेरे साथ रहती है। कोई भी, कहीं भी, मेरे साथ कुछ भी होता है, उसने हमेशा मेरा साथ दिया है।अब उसके लिए उसके कठिन समय में उसके साथ मौजूद रहने की मेरी बारी है।

(एकताऔर गहराई से सोच-विचार करती है।)

एकता : इसमें कोई संदेह नहीं कि मुझे एक कठोर और बड़ा निर्णय लेना होगा। लेकिन अगर मैं सेजल को बेहतर जीवन का मौका दे सकती हूं, तो मैं इस पर विचार कैसे नहीं कर सकती? उसका जीवन मेरे लिए कितना जरूरी है! बिना सेजल के तो मैं भी मर ही जाऊंगी! मेरा कोई हमदर्द इस दुनिया में नहीं बचेगा! कौन मेरी परेशानियों में मेरा साथ देगा?! मैं तो बिलकुल ही अकेली पड़ जाऊंगी! कैसे मैं अकेले अपना जीवन जी सकूंगी। सेजल तो जैसे मेरे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, वह हिस्सा जिसके बगैर मैं भी मर जाऊंगी। सेजल की मृत्यु, मेरी अपनी मौत है।

(वह सर्जरी के प्रभाव और संभावित जोखिमों के बारे में सोचती है।)

एकता : सर्जरी कठिन हो सकती है, और इसमें जोखिम भी हैं, लेकिन सेजल को बचाने का मौका, जिन लोगों से वह प्यार करती है उनके साथ उसे अधिक समय देने का मौका... और फिर मैं भी तो कहाँ उसके बिना यह जीवन झेल पाऊंगी!

(एकता एक ऐसे भविष्य की कल्पना करती है जहां वह और सेजल अपना जीवन साझा करना जारी रख सकें।)

एकता : हमने हमेशा एक साथ बूढ़े होने, जीवन के रोमांचों को एक साथ अनुभव करने के बारे में बात की है। सेजल की किडनी की विफलता, यह सब कुछ हम दोनों से छीन लेगी।

(वह एक संकल्प पर पहुँचती है।)

एकता : जो मैं सोच रही हूँ,मुझे वही सब कुछ करने की ज़रूरत है।सेजल के लिए। हमारे लिए। यह सिर्फ एक किडनी नहीं है; यह हम दोनों के लिए और अधिक तथा ढेर सारी यादों और हंसी-ख़ुशी से भरे भविष्य का मौका है।

(सेजल चाय लेकर आती है। मंच पर बत्तियां बंद हो जाती हैं। जब बत्तियां वापिस आती हैं, तो अस्पताल का दृश्य है।)

(दृश्य : अस्पताल परीक्षण कक्ष।एकता एक परीक्षण बिस्तर पर बैठी है, परीक्षण के परिणाम देने के लिए डॉ. राहुल की प्रतीक्षा कर रही है।)

डॉ.राहुल : (गर्मजोशी और मुस्कान के साथ प्रवेश करते हुए) शुभ दोपहर, एकता। आज आप कैसा महसूस कर रही हैं?

एकता : नमस्ते डॉक्टर राहुल। ईमानदारी से कहूं तो मैं थोड़ा चिंतित हूं। कोई ख़बर?

डॉ.राहुल : मैं समझता हूं। हमने परीक्षण पूरा कर लिया है, और मेरे पास यहां परिणाम मौजूद हैं।

(एकता एक गहरी सांस लेती है, खुद को खबर के लिए तैयार करती है।)

डॉ.राहुल : (परिणामों को देखते हुए) एकता, मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आपका ब्लड ग्रुप सेजल से मेल खाता है।

(एकता की आंखें चौड़ी हो जाती हैं, और राहत और खुशी का मिश्रण उस पर छा जाता है।)

एकता : (आंसू भरी आंखों से) सच में? मैं एक मैच हूँ?

डॉ.राहुल : (मुस्कुराते हुए) हाँ, एकता। आपका रक्त प्रकार सेजल के अनुकूल है, जो किडनी प्रत्यारोपण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

(एकता अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाती है और राहत के आंसू पोंछ लेती है।)

एकता : (भावनात्मक रूप से) भगवान का शुक्र है। मैं इतना डर गईथी कि मैं उसकी मदद नहीं कर पाऊंगी।

डॉ.राहुल : इस निस्वार्थ कार्य पर विचार करने की आपकी इच्छा सराहनीय है, एकता। यह न केवल रक्त प्रकार के मेल के बारे में है, बल्कि अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं में आपकी सेजल के साथ अनुकूलता के बारे में भी है। आप सही मायने में इस दुनिया में एक-दूसरे के संगी-साथी हो। मैं बता नहीं सकता कि कितने पैमानों पर आप लोग एक-दूसरे के मैच हो!

एकता : (आभारीहोकर) मुझे खुशी है कि मैं सेजल के लिए कुछ कर सकी। वह मेरे लिए परिवार की तरह है। उसके बगैर मैं खुद भी नहीं जी सकती हूँ। यह कदम उठाना मेरे लिए जरूरी हो गया था।

डॉ.राहुल : यह एक गहन निर्णय है, एकता। आप सेजल को स्वस्थ जीवन जीने का मौका दे रहे हैं।

एकता : (दृढ़ निश्चय से) जो कुछ भी करना होगा वह मैं करूँगी, डॉक्टर। हम किडनी प्रत्यारोपण के लिए कब आगे बढ़ सकते हैं?

डॉ.राहुल : बहुत जल्द। आपका यह निर्णय आप दोनों के जीवन को बदल देगा और, सबसे महत्वपूर्ण बात, सेजल को जीवन जीने का एक नया मौका प्रदान करेगा।

(सेजल और जगन मंच पर प्रवेश करते हैं। सेजल, भावविभोर होकर, एकता को गले लगा लेती है। जगन की आँखों में आसूं आ जाते हैं। डॉ. राहुल भी खुश नज़र आते हैं।)

(पर्दा गिरता है।)


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