चेन्नई में कोयल बोल रही है जबकि मई का महीना आया हुआ है समुद्र के किनारे बसे इस शहर में कोयल बोल रही है अपनी बोली क्या हिंदी और क्या तमिल उतने ही मीठे बोल जैसे अवध की अमराई में! कोयल उस ऋतु को बचा रही है जिसे हम कम जानते हैं उससे!
हिंदी समय में आलोकधन्वा की रचनाएँ