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शाम का आखिरी गाना -
तुम आना न आना :
वो नाम तो मन को रटाना - न रुकेगा
शाम का गाना -
न चुकेगा
शाम का आखिरी गाना।
ये ताना-सा ताना है कोई : समझाना-बुझाना
कि मन बहलाना :
- वो शाम का आखिरी गाना,
शाम का गाना।
बीत गयीं जग की सन्ध्याएँ,
जगती की सुंदर सन्ध्याएँ।
कहने को इक दुनिया आयी; -
आप न आये न आये, न आये!
क्या भूलें क्या याद दिलायें;
कौन दिलाये, किसको दिलाये!
एक है आज तो भूलना, याद दिलाना -
शाम का आखिरी गाना!
[1946]
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