यकायक पता चला कि टोकनी नहीं है पहले होती थी जिसमें कई दुख और हरी-भरी सब्जियाँ रखा करते थे अब नहीं है... दुख रखने की जगहें धीरे-धीरे कम हो रही हैं।
हिंदी समय में अशोक वाजपेयी की रचनाएँ
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कविताएँ