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कविता

वह जल ही था

ए. अरविंदाक्षन


जल एक खूबसूरत सपना है
लावण्य के प्रथम स्पर्श की तरह
जीवन भर साथ देने वाला जल-स्पर्श
जल ही था तब
लबालब भरा-सा
मिठास देता हुआ हृदय में
सुगंध बिखेरता हुआ आँखों में
जल एक खूबसूरत सपना है

 


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