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कविता

सदानीरा

ए. अरविंदाक्षन


कान्हा
श्याम शिला खंड है
राधा जमुना की तरह
उससे वलयित बहती
प्रेम की धारा है
प्रेम जल है
सदानीरा

 


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हिंदी समय में ए. अरविंदाक्षन की रचनाएँ