स्त्री मेरे समीप में मातृस्वरूपा स्तनपान कराती है और मेरे अंदर के जल को अर्थ प्रदान करती है। स्त्री मेरे निकट प्रेमस्वरूपा अपने स्तनों के बीच सुलाती है और मेरे अंदर के जल को आकार देती है।
हिंदी समय में तोल्सतोय की रचनाएँ