अ+ अ-       
      
      
      
      
      
           
        
           
        
         
         
         
        
         
        
        
                 
        
            
         
         | 
        
        
        
        
      |   
       
            
      
          
  
       
      
      
          
      
 
	
		
			| 
				 
					यदि एक दिन ऐसा भी आ जाए 
					जब दुनिया भर के वैज्ञानिक, 
					जिन्होंने सबसे घातक न्यूक्लियर बम बनाये हैं 
					जिन्होंने तेज मिसाइल बनाए हैं 
					सब एक जगह इकट्ठे हो गये हों 
					और उनसे यदि कहा जाये 
					अब इबादत का वक्त है 
					आपसे अनुरोध है 
					हथियारों की महीन बुनावट की तकनीकें 
					उनकी तमाम ताकतें 
					कुछ समय के लिए भूल जाएँ 
					अब इबादत का वक्त है 
					तो 
					हे ईश्वर 
					या अल्लाह 
					ओ गॉड 
					उन वैज्ञानिकों के दिलों में 
					ऐसे एक वक्त पर 
					विस्फोटकों की कल्पनाएँ ही आएँगी 
					या और कुछ? 
			 | 
		 
	
 
	  
      
      
                  
      
      
       
      
     
      
       |