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जमीन की सिसकियों को
कुचलने की साजिश के रहते
शब्दों के इस्तेमाल करने वालों को
निरर्थक कोलाहलों के विरुद्ध खड़े होने वालों को
इतिहास के हाशिये से भी हटाए जाये तो
समस्त भूगोल से अपरिचित
चाँद और मंगल की यात्राओं से बेखबर
संसद की दोनों सभाओं से अनजान
आदमी की जगह कहाँ होगी?
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