भूखों के अलावा सभी अनशन कर रहे हैं इनसान के अलावा सभी शोर कर रहे हैं गाँधी जी अपनी ही प्रतिमा की तरह महामौन में हैं अपने यहाँ
हिंदी समय में ए. अरविंदाक्षन की रचनाएँ