hindisamay head


अ+ अ-

कविता

चिड़िया का ब्याह

दिविक रमेश


चिड़िया की
बारात नहीं आती

चिड़िया पराई
नहीं हो जाती

चिड़िया का
दहेज नहीं सजता

चिड़िया को
शर्म नहीं आती

तो भी
चिड़िया का ब्याह हो जाता है
चिड़िया के ब्याह में
पानी बरसता है

पानी बरसता है
पर चिड़िया
कपड़े नहीं पहनती
चिड़िया

नंगी ही
उड़ान भरती है
नंगी ही
भरती है
उड़ान चिड़िया

चिड़िया
आत्महत्या
नहीं करती।

 


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में दिविक रमेश की रचनाएँ