मैंने कहा आग आग चिड़िया चोंच में दबाकर पहुंच गई जंगल
जंगल में आग लगी थी।
मैंने कहा पानी जाने कहां गुम हो गई झुलसे पंखों वाली चिड़िया
जंगल में आग लगी है जंगल जल रहा है
पानी शहर के सबसे बड़े म्यूजियम में सड़ रहा है।
हिंदी समय में दिविक रमेश की रचनाएँ