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कितने अनुभवों की स्मृतियाँ
ये किशोर मुँह जोहते हैं सुनने को
पर मैं याद कर पाता हूँ तो बताते हुए डरता हूँ
कि कहीं उन्हें पथ से भटका न दूँ
मुझे बताना चाहिए वह सब
जो मैंने जीवन में देखा समझा
परंतु बहुत होशियारी के साथ
मैं उन्हें अपने जैसा बनने से बचाना चाहता हूँ
बौर नीम में बौर आया
इसकी एक सहज गंध होती है
मन को खोल देती है गंध वह
जब मति मंद होती है
प्राणों ने एक और सुख का परिचय पाया।
वसंत वही आदर्श मौसम
और मन में कुछ टूटता-सा :
अनुभव से जानता हूँ कि यह वसंत है
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