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कविता

डर

रघुवीर सहाय


बढ़िया अँग्रेजी
वह आदमी बोलने लगा

जो अभी तक
मेरी बोली बोल रहा था

मैं डर गया


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हिंदी समय में रघुवीर सहाय की रचनाएँ