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कविता

उद्धारक

मदन कश्यप


हम तुम्हारा उद्धार करेंगे
जिन्दा रखा तो जूठन खिला कर
पाँव धुलवा कर तुम्हारा उद्धार करेंगे
मार दिया तो बैंकुंठ भिजवा कर
तुम्हारे वंशजों को अपना भक्त बना कर तुम्हारा उद्धार करेंगे

और किसी आफत-बिपत बेला-कुबेला ठौर-कुठौर में
तुम्हारे जूठे बेर खा कर भी तुम्हारा उद्धार करेंगे!

(2010)

 


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