दब गयी हैं ईश्वर की मूर्तियाँ पैगम्बरों की आत्माएँ सुलग रहे मलबों के नीचे
शहर की साँस फूल रही है
एक अन्धा हाथ में कटोरा लिये सरक रहा है सूनी सड़क पर ईश्वर-अल्लाह के नाम पर भीख माँगते हुए
हिंदी समय में विमलेश त्रिपाठी की रचनाएँ