hindisamay head


अ+ अ-

कविता

इतिहास में

रविकांत


इतिहास में जो कुछ भी ऐसा है, जिसे हम
अपने पक्ष में
मजबूत ढाल की तरह इस्तेमाल करते हैं
हमारे होने की सार्थकता है
हमारे संघर्ष की सतह पर
चमक की तरह है - वह सब

इतिहास
बदले की भावना कभी नहीं है
किंतु
इतिहास में ऐसा जो कुछ भी है, जो
हमारे विरोधियों के पक्ष में जाता है, और
हमारे संघर्ष को झूठा सिद्ध कर
हमें अपमानित करता है
हथियार के उस हत्थे-सा है
जो हमें
युद्ध के गुर सिखाते हुए
हमारे ढीले हाथों को झिंझोड़ कर
हमें जगा देता है

 


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में रविकांत की रचनाएँ