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कविता

जन्मजात म

रविकांत


(विंध्य - क्षेत्र में माँ को ' ' भी पुकारा जाता है)

वे बड़ी श्रद्धा से कहते थे
कुँआरियों को भी 'म'

कारण पूछने पर
उन्होंने कहा -

आप गलत समझ रहे हैं
मैं अन्य साधु-पुरुषों की तरह
श्रद्धा वश नहीं कहता हूँ ऐसा

मेरा तात्पर्य
स्त्रियों के प्रेम, आह्लाद
या मातृत्व से नहीं है

बल्कि मुझे तो फूटती है बड़ी करुणा

स्त्री होती ही है
जन्मजात म

 


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