' संतन को कहा सीकरी सों काम ? आवत जात पनहियाँ टूटी, बिसरि गयौ हरि नाम। जिनको मुख देखत दुख उपजत, तिनको करिबे परी सलाम।... ' - यह पद किसने रचा था?
कुंभनदास ने। बादशाह अकबर के बुलावे पर वे फतहपुर सीकरी गए थे। वहाँ से लौटने के बाद उन्होंने इस पद की रचना की थी।
भारतेंदु हरिश्चंद्र को भारतेंदु की उपाधि किस ने दी थी?
राजा शिवप्रसाद सितारे-हिंद ने। वे हिंदी गद्य के निर्माताओं में एक थे। उनका जोर आमफहम हिंदी लिखने पर था। उन की प्रसिद्ध कहानी है - राजा भोज का सपना।
रामचंद्र शुक्ल ने औपचारिक शिक्षा कहाँ तक पाई थी ?
हाई स्कूल तक। इंटर में कुछ दिन पढ़े, फिर पढ़ाई छोड़ दी। बाद में वे काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष बने।
प्रेमचंद के उपन्यास ' गोदान ' का संपादन किसने किया था ?
शिवपूजन सहाय ने।
' उसने कहा था ' के लेखक चंद्रधर शर्मा गुलेरी की अन्य कहानियों के नाम बताइए।
'उसने कहा था' के अतिरिक्त गुलेरी जी की छह और कहानियाँ उपलब्ध हैं। इन के शीर्षक हैं - घंटाघर, धर्मपरायण रीछ, पाठशाला, बुद्धू का काँटा, सुखमय जीवन, हीरे का हीरा।
हिंदी के किन रचनाकारों को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिल चुका है ?
हिंदी में ज्ञानपीठ पुरस्कार सब से पहले सुमित्रानंदन पंत को मिला। पंत जी के बाद ज्ञानपीठ पुरस्कार पानेवाले अन्य हिंदी लेखक हैं - रामधारी सिंह दिनकर, अज्ञेय, महादेवी वर्मा, नरेश मेहता, निर्मल वर्मा, कुँवर नारायण, श्रीलाल शुक्ल।
'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा' के लेखक का नाम बताइए।
इस गीत की रचना श्यामलाल गुप्त 'पार्षद' ने की थी। वे कानपुर के कांग्रेस कार्यकर्ता थे। 1938 में कांग्रेस के हरिपुरा अधिवेशन में इस गीत को 'झंडा गीत' की मान्यता प्रदान की गई थी।
अज्ञेय द्वारा संपादित 'तार सप्तक' में किन कवियों को शामिल किया गया था?
'तार सप्तक' में शामिल कवि थे - गजानन माधव मुक्तिबोध , नेमिचन्द्र जैन , भारतभूषण अग्रवाल , प्रभाकर माचवे , गिरिजाकुमार माथुर , रामविलास शर्मा एवं अज्ञेय। यह कविता संकलन 1943 में प्रकाशित हुआ था।
विष्णु प्रभाकर की पुस्तक 'आवारा मसीहा' किसकी जीवनी है?
यह बाँग्ला के शीर्षस्थ कथाकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की जीवनी है। इस पुस्तक पर विष्णु जी को साहित्य अकादेमी पुरस्कार मिला था।
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन को ' अज्ञेय ' नाम किसने दिया?
प्रेमचंद ने। उन दिनों वात्स्यायन जी जेल में थे। वहीं से उन्होंने छह कहानियाँ और एक अधूरी कहानी 'जागरण' में (जिस के संपादक प्रेमचंद थे) प्रकाशित करने के लिए जैनेंद्र कुमार को भिजवाईं। जैनेंद्र जी ने प्रेमचंद के पास भिजवा दीं। ये रचनाएँ किस की हैं, यह पूछने पर जैनेंद्र कुमार ने कहा - किसी अज्ञेय (जिसके बारे में पता न हो) लेखक की। प्रेमचंद के पास दो विकल्प थे - अज्ञात और अज्ञेय। उन्होंने उन कहानियों के अज्ञेय के नाम से छापा।
यह तसवीर किस की है ?
यह तसवीर वृंदावनलाल वर्मा की है। उनकी मुख्य कृतियों के नाम हैं - उपन्यास : गढ़ कुंडार, विराटा की पद्मिनी, झाँसी की रानी, कचनार, टूटे काँटे, मृगनयनी। नाटक : हंस मयूर, बाँस की फाँस, पीले हाथ, मंगल सूत्र, बीरबल. ललित विक्रम।