hindisamay head


अ+ अ-

कविता

भूख

नरेश सक्सेना


भूख सबसे पहले दिमाग खाती है
उसके बाद आँखें
फिर जिस्म में बाकी बची चीजों को

छोड़ती कुछ भी नहीं है भूख
वह रिश्तों को खाती है
माँ का हो बहन या बच्चों का
बच्चे तो उसे बेहद पसंद हैं
जिन्हें वह सबसे पहले
और बड़ी तेजी से खाती है

बच्चों के बाद फिर बचता ही क्या है।

 


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में नरेश सक्सेना की रचनाएँ