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कविता

पानी

नरेश सक्सेना


बहते हुए पानी ने
पत्थरों पर निशान छोड़े हैं

अजीब बात है
पत्थरों ने पानी पर
कोई निशान नहीं छोड़ा।

 


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हिंदी समय में नरेश सक्सेना की रचनाएँ