सुबह उठ कर देखा तो आकाश लाल, पीले, सिंदूरी और गेरुए रंगों से रँग गया था मजा आ गया, 'आकाश हिंदू हो गया है' पड़ोसी ने चिल्लाकर कहा 'अभी तो और मजा आएगा' मैंने कहा बारिश आने दीजिए सारी धरती मुसलमान हो जाएगी।
हिंदी समय में नरेश सक्सेना की रचनाएँ