hindisamay head


अ+ अ-

कविता

अमन का गीत

अन्ना अख्मातोवा

अनुवाद - वरयाम सिंह


आकाश की लहरों पर झूलते
पर्वत और समुद्र पार करते
उड़ते रहो अमन की फाख्‍ता की तरह
ओ मेरे मधुर गीत !

बताओ उसे जो सुन रहा है
कितना पास है वह चिर-प्रतीक्षित युग
क्‍या हाल हैं मनुष्‍य के तुम्‍हारे देश में।

तुम अकेले नहीं, बढ़ती जाएगी गिनती
तुम्‍हारे साथ उड़ती फाख्ताओं की -
दूर-दूर तक इंतजार कर रहे हैं
स्‍नेहिल मित्रों के हृदय
उड़ते रहो तुम सूर्यास्‍त की ओर
कारखानों के दमघोंटू धुएँ की ओर
हब्‍शी बस्तियों
और गंगा के नीले पानी की ओर।

 


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में अन्ना अख्मातोवा की रचनाएँ