hindisamay head


अ+ अ-

कविता

आज के दिन

वेलिमीर ख्लेब्निकोव

अनुवाद - वरयाम सिंह


नीले भालुओं का दिन
जो भाग निकले हैं शांत बरौनियों से होकर
मैं देखूँगा नीले पानी के पीछे
आँखों के चाँदी के चम्‍मच पर
मेरी ओर बढ़ आया है समुद्र ओर उस पर तूफानों का दूत
गरजते समुद्र की ओर, देखता हूँ,
अज्ञात बरौनियों पर से उड़ता हुआ
पक्षियों का रूस।

 


End Text   End Text    End Text