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बात बोलेगी,
हम नहीं।
भेद खोलेगी
बात ही।
सत्य का मुख
झूठ की आँखें
क्या - - देखें !
सत्य का रुख
समय का रुख है :
अभय जनता को
सत्य ही सुख है,
सत्य ही सुख।
दैन्य दानव; काल
भीषण; क्रूर
स्थिति; कंगाल
बुद्धि; घर मजूर।
सत्य का
क्या रंग? - -
पूछो
एक संग।
एक - जनता का
दुःख : एक।
हवा में उड़ती पताकाएँ
अनेक।
दैन्य दानव क्रूर स्थिति।
कंगाल बुद्धि : मजूर घर-भर।
एक जनता का - अमर वर :
एक ता का स्वर।
अन्यथा स्वातंत्र्य-इति।
(1945)
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