सूरज उगाया जाता फूलों में :
यदि हम एक साथ हँस पड़ते।
चाँद आँगन बनता :
आँखों में रासभूमि यदि - सौर मंडल की मिलती।
सार हम होते काव्य के अनुपम भूत-भविष्य के : यदि हम वर्तमान में एक साथ हँसते रोते गाते
एक साथ ! एक साथ ! एक साथ !
(1949)
हिंदी समय में शमशेर बहादुर सिंह की रचनाएँ
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